जवाब ( 1 )

  1. सज्दा ए सह्व के लिए नमाज़ के सलाम के फ़ौरन बाद सज्दा ए सह्व के इरादे से अपनी पेशानी ऐसी चीज़ पर रखे जिस पर सजा करना सही हो और बिना बर एहतियात यह कहे “बिस्मिल्लाहे व बिल्लाहे, अस सलामो अलैका अय्योहन नबीयो व रहमतुल्लाहे व बरकातोह”
    उसके बाद सज्दे से सर उठाकर दोबारा सज्दे में जाए और यही ज़िक्र दोहराये फिर तशह्हुद और सलाम पढ़े.

    हवाला : आयतुल्लाह ख़ामेनई, तौज़ीहुल मसाएल फ़ारसी, मसला 397

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