जवाब ( 1 )

  1. एहतियाते मुस्तहब, फ़त्वे के बाद मुज्तहिद ने एहतियात का हुक्म दिया हो. इस एहतियात पर अमल करना ज़रूरी नहीं है बल्कि मुस्तहब है. मिसाल के तौर पर अगर औरत के लिए घर से बहार परफ्यूम और अत्र लगाकर निकलना, अगर दूसरे को गुनाह में डालने के इरादे से न हो और खुद भी गुनाह में पड़ने का खौफ न हो तो शहवत केभडकने का भी खौफ न हो तो कोई हरज नहीं रखता. अगरचे एहतियाते मुस्तहब यह है कि इस सूरत में भी अत्र और परफ्यूम लगाने को तर्क किया जाए.

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