जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
    नज़्र और हदिये की चीज़ें, उसी काम के लिए इस्तेमाल होना चाहिए जो नज़्र करने वाले ने बयान की हैं। अगर नज़्र करने वाले ने नज़्र के लिए शरई अल्फ़ाज़ अदा नहीं किये तो उसकी तरफ से दी गयी चीज़ों को उसकी इजाज़त से तब्दील या दूसरी जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

    हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई की वेबसाइट http://www.khamenei.ir

Leave an answer

Browse

By answering, you agree to the Terms of Service and Privacy Policy.