जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    अगर बीवी मुस्तती’अ हो जाये तो हज पर जाने के लिए शौहर की इजाज़त ज़रूरी नहीं और न ही शौहर के लिए जाएज़ है कि वह हज के लिए या किसी और वाजिब के लिए बीवी को रोके लेकिन अगर हज का वक़्त वसी’अ (ज़्यादा होना) हो तो बीवी को पहले क़ाफ़िले से रोक सकता है. तलाक़े रजई वाली औरत पर इद्दत के दौरान बीवी का हुक्म लागू होता है.

    मनासिके हज, आयतुल्लाह ख़ामेनई, मस’अला न. 87

    मनासिके हज, आयतुल्लाह सीस्तानी, मस’अला न. 59

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