जवाब ( 1 )

  1. ऐसा इंसान खड़े हो कर नमाज़ शुरू करे और अगर मुमकिन हो तो आम हालात की तरह से रुकू करे और सज्दे के लिए कुर्सी पर बैठ जाए और मेज़ वग़ैरा की मदद से, जिसे वह अपने सामने रखेगा, सज्दा करे, अलबत्ता सज्दा करते हुए अपने हाथों को मेज़ पर रखने के साथ ही अगर मुमकिन हो तो अपने पैरों के अंगूठे को भी ज़मीन पर रखे।
    हवाला : आयतुल्लाह खामेनेई की वेबसाइट : https://khamenei.ir

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