जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    शरीयत की निगाह में ख़ुदकुशी करना एक निहायत ही संगीन जुर्म है और इसे गुनाहे कबीरा कहा गया है.
    तमाम मराजे ए किराम का फ़त्वा है कि जिस तरह तमाम मुसलमानों की नमाज़े जनाज़ा वाजिब है इस तरह ख़ुदकुशी करने वाले की नमाज़े जनाज़ा भी वाजिब है. जैसे तमाम मुसलमानों के लिए ईसाले सवाब करना जाएज़ है इसी तरह ख़ुदकुशी करने वाले शख्स के लिए भी ईसाले सवाब करना और क़ुर्आन ख्वानी और मजलिस कराना जाएज़ है.

    हवाला : आयतुल्लाह सीस्तानी, http://www.sistani.org

Leave an answer

Browse

By answering, you agree to the Terms of Service and Privacy Policy.