जवाब ( 1 )

  1. 2024-05-10T16:36:21+05:30

    अगर नमाज़ी सलामे नमाज़ के बाद शक करे कि उसने नमाज़ सहीह तौर पर पढ़ी है या नहीं मसलन शक करे कि रूकू अदा किया है या नहीं या चार रक्अती नमाज़ के सलाम के बाद शक करे कि चार रक्अती नमाज़ पढ़ी है या पांच तो वह अपने शक की परवाह न करे लेकिन अगर उसे दोनों तरफ़ नमाज़ के बातिल होने का शक हो मसलन चार रक्अती नमाज़ के सलाम के बाद शक करे कि तीन रक्अती पढ़ी है या पांच रक्अत तो उसकी नमाज़ बातिल है।
    हवाला : तौज़ीहुल मसाइल आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1188

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