नमाज़ में क़िब्ले की दिशा से किस हद तक मुड़ने से नमाज़ बातिल नहीं होती?

Question

जवाब ( 1 )

  1. अगर क़िब्ले की दिशा और इस मस’अले का इल्म है तो जान बूझकर या लापरवाही में क़िब्ले की दिशा से नहीं मुड़ना चाहिए,लेकिन अगर दिशा का पता नहीं है या भूले से क़िब्ले से मुड़ जाये और नमाज़ पढ़ने के बाद ध्यान आये तो अगर क़िब्ले की दाहिनी या बायीं हद तक न पहुंचा हो (यानी 90 डिग्री से कम मुड़ा हो) तो नमाज़ सही है लेकिन इसी मस’अले में आयतुल्लाह सीस्तानी फ़रमाते हैं कि अगर क़िबले के दाहिनी या बायीं दिशा तक मुड़ा हो न कि उससे ज़्यादा तो नमाज़ सही है.

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