जवाब ( 1 )

  1. नजिस या मुज़ाफ़ पानी से वुज़ू करना बातिल है ख़्वाह वुज़ू करने वाला शख़्स उसके नजिस या मुज़ाफ़ होने के बारे में इल्म न रखता हो या भूल गया हो कि वह नजिस या मुज़ाफ़ पानी है। लिहाज़ा अगर वह ऐसे पानी से वुज़ू करके नमाज़ पढ़ चुका हो तो सहीह वुज़ू करके दोबारा नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है।

    हवाला :  तौजीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 271

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