जवाब ( 1 )

  1.  मुसाफ़िर मस्जिदुल हराम, मस्जिदे नबवी और मस्जिदे कूफ़ा में बल्कि मक्का ए मुकर्रिमा, मदीना ए मुनव्वरा और कूफ़े के पूरे शहरों में अपनी नमाज़ पूरी पढ़ सकता है नीज़ हज़रते सैयिदुश्शुहदा (अ0) के हरम में भी क़ब्रे मुतह्हर से पच्चीस गज़ के फ़ासिले तक मुसाफ़िर अपनी पूरी नमाज़ पढ़ सकता है।

    हवाला :  तौजीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1365

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