अगर मुसाफ़िर भूल जाए कि वह सफर पर है और नमाज़ पूरी पढ़ ले तो क्या करे ?

Question

जवाब ( 1 )

  1. अगर कोई शख़्स भूल जाए कि वह मुसाफ़िर है और पूरी नमाज़ पढ़ ले और उसे नमाज़ के वक़्त के अन्दर ही याद आ जाए तो उसे चाहिये कि क़स्र कर के नमाज़ पढ़े और अगर नमाज़ के वक़्त के बाद याद आए तो उस नमाज़ की क़ज़ा उस पर वाजिब नहीं।

    हवाला :  तौजीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1371

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