मुजनिब इंसान के लिए क्या क्या हराम है ?
Question
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit.Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu.Fusce viverra neque at purus laoreet consequa.Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
जवाब ( 1 )
पांच चीज़े जुनुब शख़्स पर हराम हैः-
1. अपने बदन का कोई हिस्सा क़ुरआने मजीद के अल्फ़ाज़ या अल्लाह तआले के नाम से ख़्वाह वह किसी भी ज़बान में हो मस करना और बेहतर यह है कि पैग़म्बरों, इमामों और हज़रते ज़हरा (अ0) के नामों से भी अपना बदन मस न करें।
2. मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी में जाना ख़्वाह एक दरवाज़े से दाख़िल होकर दूसरे दरवाज़े से निकल जाए।
3. मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी के अलावा दूसरी मस्जिदों में ठहरना और एहतियाते वाजिब की बिना पर इमामों के हरम में ठहरने की भी यही हुक्म है। लेकिन अगर इन मस्जिदों में से किसी मस्जिद को उबूर करे मसलन एक दरवाज़े से दाख़िल होकर दूसरे से बाहर निकल जाए तो कोई हरज नहीं।
4. एहतियाते लाज़िम की बिना पर किसी मस्जिद में कोई चीज़ रखने या कोई चीज़ उठाने के लिये दाखिल होना।
5. उन आयात में किसी आयत का पढ़ना जिनके पढ़ने से सज्दा वाजिब हो जाता है। और वह आयतें चार सूरतों में हैः-
* क़ुरआने मजीद की 32वीं सूरत – अलिफ़ लाम्मीम तंज़ील।
* 41वीं सूरत – हाम्मीम सज्दः
* 53वीं सूरत – वन्नज्म।
* 96वीं सूरत – अलक़।
हवाला : तौज़ीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला नंबर 361