जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
    अगर माँ बाप किसी का को अंजाम देने के लिए कहें और वह शरीयत के मुखालिफ भी न हो तो उसे ज़रूर करना चाहिए. अगर उनके हुक्म की इताअत न करना उनके लिए तकलीफ़ का सबब हो उनके हुक्म की मुख़ालेफ़त करना जाएज़ नहीं है.

    हवाला: https://www.sistani.org/urdu/book/26352/4315/

Leave an answer

Browse

By answering, you agree to the Terms of Service and Privacy Policy.