जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    बुलंद (ऊँची) आवाज़ में भी पढ़ सकती हैं और आहिस्ता भी लेकिन अगर नामहरम उनकी आवाज़ सुन रहा हो तो ज़रूरी है कि आहिस्ता पढ़ें (और अगर जान बूझकर बुलंद आवाज़ से पढ़े तो [एहतियाते वाजिब की बिना पर] उसकी नमाज़ बातिल है.)*

    आयतुल्लाह ख़ामेनई के इस्तेफ़्ता’आत, नमाज़ के हिस्से में क़ेराअत और उसके अहकाम,सवाल न. 131

    https://www.leader.ir/ur/book/145/%D8%A7%D8%AD%DA%A9%D8%A7%D9%85-%D9%86%D9%85%D8%A7%D8%B2
    तौज़ीहुल मसाएल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मस’अला न. 980

    https://www.sistani.org/urdu

    * ब्रैकेट वाला हिस्सा आयतुल्लाह ख़ामेनई के इस्तेफ़्ता’आत में नहीं है सिर्फ़ आयतुल्लाह सीस्तानी की तौज़ीहुल मसाएल में है.

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