जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    जिस इंसान की ज़िम्मेदारी तयम्मुम थी अगर उसका उज़्र (मजबूरी) बाक़ी है और नमाज़ का वक़्त हो गया है तो वह उसी तयम्मुम के साथ नमाज़ पढ़ा सकता है.

    इस्तेफ़्ता’आत आयतुल्लाह ख़ामेनई, सवाल न. 204

    सवाल जवाब तयम्मुम आयतुल्लाह सीस्तानी

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