जवाब ( 1 )

  1.  नफ़ल नमाज़ें बैठकर भी पढ़ी जा सकती हैं लेकिन कुछ फ़ुक़हा कहते हैं कि इस सूरत में बेहतर है कि बैठ कर पढ़ी जाने वाली नफ़ल नमाज़ की दो रक्अतों को एक रक्अत शुमार किया जाए। मसलन जो शख़्स ज़ोहर की नफ़लें जिसकी तादाद आठ रक्अतें है बैठकर पढ़ना चाहे तो उसके लिए बेहतर है कि सोलह रक्अतें पढ़े और अगर चाहे कि नमाज़े वित्र बैठकर पढ़े तो एक एक रक्अत की दो रकअत पढ़े। फिर भी इस काम का बेहतर होना मालूम नहीं है लेकिन उम्मीद और रजा की नीयत से अंजाम दे तो कोई इश्काल नहीं है।

    हवाला : तौज़ीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 774. 

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