अगर कोई शख्स जान बूझ कर क़स्र के बजाए नमाज़ पूरी पढ़े तो उसका क्या हुक्म है ?

Question

जवाब ( 1 )

  1. अगर कोई ऐसा शख़्स जिसे मालूम हो कि वह मुसाफ़िर है और उसे नमाज़ क़स्र कर के पढ़नी ज़रूरी है जान बूझकर पूरी नमाज़ पढ़े तो उसकी नमाज़ बातिल है 

    हवाला :  तौजीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1366

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