शोहदाए कर्बला की तादाद कितनी है?
Question
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जवाब ( 1 )
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
यक़ीनन कर्बला में शहीद होने वाले असहाब और बनी हाशिम जाँनिसारों की कुल तादाद बहत्तर से कहीं ज़्यादा थी, आज कर्बला में गंजे शहीदां पर उन सारे शहीदों के नाम दर्ज हैं जिनके बारे में इमामे हुसैन अ. ने फ़रमाया:
إنّی لا أعلم أصحابا أوفی و لا خیرا من أصحابی، و لا أهل بیت أبرّ و لا أوصل من أهل بیتی
मैं अपने असहाब से ज़्यादा वफ़ादार और बेहतर सहबियों को नहीं जानता और न ही अपने घर वालों से ज़्यादा नेक और सिलए रहें करने वाले घर वालों को नहीं जानता.
असहाब
इनमे से कुछ तो ख़ुद रसूलुल्लाह स. के सहाबियों में से हैं और कुछ अमीरुल मोमेनीन अली अ. के असहाब हैं और कुछ इमामे हसन अ. और इमामे हुसैन अ. के असहाब हैं.
रसूले ख़ुदा स. के असहाब
अनस बिन हारिस
अब्दुर रहमान बिन अब्दे रब्ब अंसारी
मुस्लिम इब्ने औसजा असदी
अमीरुल मोमेनीन अ. के असहाब
अबू समामा अम्र इब्ने अब्दिल्लाह साएदी
हबीब इब्ने मज़ाहिर असदी
ज़ाहिर, ग़ुलामे अम्र इब्ने हम्क़
अम्मार इब्ने अबी सलमा दालानी
स’अद इब्ने हारिस ख़ुज़ाई, ग़ुलामे अमीरुल मोमेनीन
अब्दुल्लाह इब्ने उमैर कलबी
कर्दूस बिन ज़ुहैर
नाफ़े इब्ने हिलाले बजली
असहाबे इमामे हसन अ. और इमामे हुसैन अ.
इब्राहीम बिन हुसैन असदी
हुज़ैफ़ा इब्ने असीद ग़ेफ़ारी के भतीजे
अबू हयाज
अदहम बिन उमय्यह
अनीस इब्ने माक़िल असबही
बुरैर इब्ने ख़ुज़ैर
बशीर इब्ने अम्र हज़रमी
जाबिर इब्ने हज्जाज
जिबिल्लह बिन अली शैबानी
जुनादा बिन हारिस
जुन्दब बिन हजीर
जौन ग़ुलामे अबूज़र
जुवैन बिन मालिक
हारिस बिन इमरउल क़ैस
हारिस बिन नबहान
ग़ुलामे हम्ज़ा बिन अब्दुल मुत्तलिब
हतूफ़ बिन हारिस
हज्जाज बिन ज़ैद
हज्जाज बिन मसरूक़
हुर इब्ने यज़ीदे रियाही
हल्लास बिन अम्र
नोमान बिन अम्र
हंज़ला बिन अस’अद
राफ़े बनी शनदा के हम पैमान
रुमैस बिन अम्र
ज़ुहैर बिन बिश्र ख़स’अमी
ज़ुहैर बिन सलीम अज़दी
ज़ुहैर बिन क़ैन बजली
ज़ैद बिन माक़िल
सालिम, हम पैमाने इब्ने मदनियह
स’अद बिन हंज़ला तमीमी
सईद बिन अब्दुल्लाह हनफ़ी
सईद बिन करदम
सुलैमान ग़ुलामे इमामे हुसैन अ.
सुलैमान बिन रबीआ
सतवार बिन अबी हिमयर
सुवैद बिन अम्र बिन अबी मुता’अ
सैफ़ बिन हारिस जाबिरी
शबीब बिन अब्दुल्लाह नहशली
सैफ़ बिन मालिक
ज़र्गामा बिन मालिक
शौज़ब
ज़ुबाब बिन आमिर
आबिस इब्ने अबी शबीबे शाकिरी
आमिर इब्ने मुस्लिमे अब्दी
सालिम, ग़ुलामे आमिर बिन मुस्लिम
एबाद इब्ने अबी मुहाजिर
अब्दुर रहमान बिन अब्दुल्लाह अरहबी यज़नी
अब्दुल्लाह बिन क़ैस ग़ेफ़ारी
अब्दुर रहमान बिन क़ैस ग़ेफ़ारी
उक़बा बिन सल्त
अम्मार बिन हस्सान ताई
इमरान बिन का’ब
उमर इब्ने अहदूसे हज़रमी
अम्र बिन ख़ालिद सैदावी
सा’द ग़ुलामे अम्र बिन ख़ालिद सैदावी
अम्र इब्ने ख़ालिद अज़दी
ख़ालिद इब्ने अम्र अज़दी
अम्र इब्ने ज़बीआ
अम्र इब्ने अब्दुल्लाह जुन्दई
अम्र बिन क़र्ज़ा अंसारी
ग़ुलामे तुर्क
क़ारिब, ग़ुलामे इमामे हुसैन अ.
कासिम इब्ने हबीब अज़दी
क़’अनब बिन अम्र नमिरी
किनाना बिन अतीक़
मालिक इब्ने अब्द इब्ने सरी’अ जाबिरी
मुजम्मे’अ बिन ज़ियाद
मुजम्मे’अ बिन अब्दुल्लाह आएज़ी
मुजम्मे’अ बिन अब्दुल्लाह आएज़ी का बेटा
मसऊद बिन हज्जाज
मुस्लिम/असलम बिन कसीर
मुन्जेह, ग़ुलामे इमामे हुसैन अ.
नईम बिन अजलान
हफ़हाफ़ बिन मुहन्नद रासिबी
हम्माम बिन सलमा क़ानिसी
वहब बिन वहब
यहया बिन सलीम माज़िनी
अबू शाशा, यज़ीद बिन ज़ियाद बिन मुहासिर
यज़ीद बिन सबीत अब्दी
अब्दुल्लाह बिन नबीत अब्दी
उबैदुल्लाह बिन नबीत अब्दी
शोहदाए बनी हाशिम
अक्सर किताबों में बनी हाशिम के 18 शहीदों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से कुछ तो हज़रत अली अ. के बेटे हैं, कुछ इमामे हसन अ. के बेटे हैं, कुछ इमामे हुसैन अ. के बेटे हैं , कुछ जनाबे ज़ैनब स. के बेटे हैं, जनाबे अक़ील के बेटे और सब के सब अबू तालिब अ. की नस्ल से हैं.
हज़रत अली अ. के बेटे
इमामे हुसैन अ.
हज़रत अब्बास अ.
जनाबे अब्दुल्लाह
जनाबे उस्मान
जनाबे जाफ़र
जनाबे अबू बकर
जनाबे मुहम्मद
इमामे हसन अ. के बेटे
जनाबे क़ासिम
जनाबे अबू बकर
जनाबे अब्दुल्लाह
इमामे हुसैन अ. के बेटे
जनाबे अली अकबर
जनाबे अली असग़र
जनाबे ज़ैनब स. के बेटे
जनाबे औन बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
जनाबे मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
जनाबे अक़ील के बेटे
जनाबे जाफ़र इब्ने अक़ील
जनाबे अब्दुर रहमान बिन अक़ील
जनाबे अब्दुल्लाह बिन अक़ील
जनाबे मुहम्मद बिन अबी सईद बिन अक़ील
जनाबे अब्दुल्लाह बिन मुस्लिम बिन अक़ील
लेकिन कुछ किताबों में शोहदाए बनी हाशिम की तादाद भी 18 से कहीं ज़्यादा है, जिनके नाम यह हैं:
इब्राहीम बिन अली अ.
अब्बास असग़र बिन अली अ.
जाफ़र बिन अली अ.
अब्दुल्लाह अकबर बिन अली अ.
अब्दुल्लाह असग़र बिन अली अ.
उबैदुल्लाह बिन अली अ.
उमर बिन अली अ.
अतीक़ बिन अली अ.
क़ासिम बिन अली अ.
बुश्र बिन हसन अ.
उमर बिन हसन अ.
अबू बक्र बिन हुसैन अ.
अबू बक्र बिन क़ासिम बिन हुसैन अ.
इब्राहीम बिन हुसैन अ.
जाफ़र बिन हुसैन अ.
हम्ज़ा बिन हुसैन अ.
ज़ैद बिन हुसैन अ.
क़ासिम बिन हुसैन अ.
मुहम्मद बिन हुसैन अ.
उमर बिन हुसैन अ.
मुहम्मद बिन अक़ील
मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन अक़ील
हम्ज़ा बिन अक़ील
अली बिन अक़ील
औन बिन अक़ील
जाफ़र बिन मुहम्मद बिन बिन अक़ील
अबू सईद बिन अक़ील
इब्राहीम बिन मुस्लिम बिन अक़ील
मुहम्मद बिन मुस्लिम बिन अक़ील
अब्दुर रहमान बिन मुस्लिम बिन अक़ील
उबैदुल्लाह बिन मुस्लिम बिन अक़ील
अबू अब्दिल्लाह बिन मुस्लिम बिन अक़ील
अली बिन मुस्लिम बिन अक़ील
इब्राहीम बिन जाफ़र
अबू बक्र बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
औन असग़र बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
हुसैन बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
उबैदुल्लाह बिन अब्दुल्लाह बिन जाफ़र
औन बिन जाफ़र बिन जाफ़र
मुहम्मद बिन जाफ़र
मुहम्मद बिन अब्बास
अहमद बिन मुहम्मद हाशमी
बहत्तर ही क्यों?
अब सवाल यह पैदा होता है कि शोहदाए कर्बला की तादाद 72 ही क्यों मशहूर है?
मुमकिन है इसकी वजह यह हो कि इनमें से 72 अपने दौर की नुमायाँ शख्सियतें हों लिहाज़ा उन्हीं के सरों को कूफ़े और शाम लाया गया था और उसी के लिहाज़ से शोहदाए कर्बला की तादाद 72 मशहूर हो गयी है, इसके अलावा इमामे सादिक़ अ. से रिवायत है कि शोहदाए कर्बला में से 72 इमामे ज़माना के साथ ज़ाहिर होंगे: فَالإثنان و سبعون رجلاً الذين قُتِلوا مع الحسين يظهرون
(जज़ाएरी,अल-अनवारून-नोमानियह,जि.2,पे.82)
शायद इसी रिवायत की वजह से यह बात मशहूर हो गयी है. वैसे अल्लाह बेहतर जानता है.