इस्लाम दुश्मन ताक़तों की ओर से मीडिया, साइबर स्पेस वग़ैरह में छेड़े गए सॉफ़्टवॉर का मुक़ाबला और सच को बयान करना, जेहादे तबयीन, शरई लेहाज़ से वाजिब है?

Question

जवाब ( 1 )

  1. अगर लोगों के बीच, साइबर स्पेस में और मीडिया में कोई बुराई अंजाम पाए या किसी भलाई को नज़रअंदाज़ किया जाए, मिसाल के तौर पर धार्मिक अक़ीदा और सही आस्था को कमज़ोर करें और अल्लाह के हुक्म का मज़ाक़ उड़ाएं या उसकी तौहीन करें, उन सभी पर जो हक़ बात को बयान करने, उसका सपोर्ट करने की क्षमता रखते हैं और असरअंदाज़ हो सकते हैं, तो यह वाजिबे किफ़ाई है और उन्हें फ़ौरन अपने फ़र्ज़ पर अमल करना चाहिए।

    हवाला : आयतुल्लाह खामेनेई की वेबसाइट : https://khamenei.ir

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