जवाब ( 1 )

  1. किसी ऐसे शख़्स को सलाम का जवाब देना जो मिज़ाह और तमस्ख़ुर के तौर पर सलाम करे और ऐसे ग़ैर मुस्लिम मर्द और औरत के सलाम का जवाब देना जो ज़िम्मी न हो वाजिब नही नहीं है और अगर काफिर ज़िम्मी हो तो एहतियाते वाजिब की बिना पर उनके जवाब में कलिमा ए अलैका कह देना काफ़ी है।

    हवाला :  तौज़ीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1153

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