मेज़बान की कोई चीज़ नजिस हो जाये तो उसे बताना वाजिब है?
Question
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जवाब ( 1 )
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
आयतुल्लाह ख़ामेनई के मुताबिक़ खाने पीने वाली चीज़ों और खाने के बर्तनों के अलावा दूसरी चीज़ों के बारे में इत्तेला देना ज़रूरी नहीं है.
इस्तेफ़्ताआत, सवाल न. 282
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लेकिन अयातुल्लाह सीस्तानी के मुताबिक़ फ़तवा यह है:
मस’अला न. 136: जो नजिस चीज़ पाक करने के लाएक़ है उसे बेचने या अमानत के तौर पर देने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन उसके नजिस होने के बारे में जब यह दो शर्तें मौजूद हों तो ख़रीदार या अमानत लेने वाले को बताना ज़रूरी है:
जब अंदेशा हो कि सामने वाला किसी वाजिब हुक्नम की ख़िलाफ़वर्ज़ी में मुब्तेला होगा यानी उस (नजिस चीज़) को खाने पीने में इस्तेमाल करेगा. अगर ऐसा न हो तो बताना ज़रूरी नहीं है. जैसे कपड़े के नजिस होने के बारे में बताना ज़रूरी नहीं है जिसे पहन कर वो नमाज़ पढ़े क्योंकि कपड़े का पाक होना शर्ते वाक़ई नहीं है.
दूसरी शर्त जब बेचने या अमानत देने वाले को उम्मीद हो कि सामने वाला उसकी बात पर अमल करेगा और अगर वह जनता हो कि सामने वाला उसकी बात पर अमल नहीं करेगा तो उसे बताना ज़रूरी नहीं है.
तौज़ीहुल मसाएल, आयतुल्लाह सीस्तानी, उर्दू, मस’अला न. 136
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