जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    इस्लाम की नज़र में लेवात बहुत पस्त और घिनौना काम और बड़ा गुनाह है और उसके लिए इस्लामी हुकूमत में अलग-अलग हालत में 100 कोड़े, क़त्ल और फाँसी जैसी सख़्त सज़ा तय की गयी है. (तौज़ीहुल मसाएले मराजे,जि.2,मस’अला न.2405)

    हालाँकि क़ुराने मजीद की कई आयतों से पता चलता है कि इन्सान के गुनाह कितने ही बड़े क्यों न हों लेकिन तौबा की सूरत में उसे अल्लाह की रहमत से मायूस नहीं होना चाहिए क्योंकि उसने मग़फ़ेरत और बख़्शिश का वादा किया है जैसा कि क़ुरान में इरशाद होता है: قُلْ یا عِبادِیَ الَّذینَ أَسْرَفُوا عَلى‏ أَنْفُسِهِمْ لا تَقْنَطُوا مِنْ رَحْمَةِ اللَّهِ إِنَّ اللَّهَ یَغْفِرُ الذُّنُوبَ جَمیعاً إِنَّهُ هُوَ الْغَفُورُ الرَّحیمُ

    ऐ मेरे पैग़म्बर! मेरे उन बन्दों से कह दीजिये जिन्होंने अपने ऊपर ज़ुल्म किया है कि अल्लाह की रहमत से ना उम्मीद न हों, बेशक अल्लाह सारे गुनाहों को माफ़ कर देगा, बेशक वह माफ़ करने वाला रहीम है. (सूरए ज़ोमर, आयत न. 53)

    इस सवाल के जवाब में आयतुल्लाह ख़ामेनई और आयतुल्लाह सीस्तानी फ़रमाते हैं:

    अगर कोई अपने बालिग़ होने के शुरूआती दिनों में लेवात करे और उसने तौबा कर ली हो तो क्या उसकी तौबा क़ुबूल हो जाएगी या नहीं? वह किस तरह महसूस कर सकता है कि उसकी तौबा क़ुबूल हो गयी है?

    अल्लाह ने क़ुरान में वादा किया है कि वह तौबा करने वालों की तौबा को क़ुबूल करता है तो हरगिज़ व हरगिज़ ऐसा नहीं हो सकता कि वह अपने वादे पर अमल न करे.

    http://farsi.khamenei
    https://www.sistani.org

    लेकिन यह बात यक़ीनन सही है कि गुनाह न करना तौबा करने से ज़्यादा आसान और बेहतर है क्योंकि तौबा करने की कुछ ख़ास शर्तें हैं जो हर इन्सान पूरी नहीं कर पाता और फिर मौत किसको तौबा करने की मोहलत दे और किसको न दे, क्या मालूम?!

    बहरहाल अगर इन्सान तौबा कर भी ले और अल्लाह उसे माफ़ भी कर दे तब भी इस बात का ख़याल रखना ज़रूरी है कि लेवात करने वाले के ऊपर हमेशा के लिए उसकी माँ और बहन हराम हो जाती हैं; जिसके साथ उसने लेवात किया है और तौबा के बाद भी वह उनमें से से किसी से शादी नहीं कर सकता और अगर मस’अला न जानने की वजह से इस तरह की शादी हो गयी हो तो जैसे ही उनको मालूम हो फ़ौरन एक दूसरे से अलग हो जाएँ. इसमें तलाक़ की भी ज़रुरत नहीं है क्योंकि यह निकाह बातिल है. (तौज़ीहुल मसाएले मराजे, मस’अला न. 2405)

Leave an answer

Browse

By answering, you agree to the Terms of Service and Privacy Policy.