अगर किसी शख़्स के बदन से कोई रूतूबत ख़ारिज हो और वह यह न जानता हो कि मनी है या नहीं तो उसका क्या हुक्म है।
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जवाब ( 1 )
अगर किसी शख़्स के बदन से कोई रूतूबत ख़ारिज हो और वह यह न जानता हो कि मनी (वीर्य) है या पेशाब या कोई और चीज़ और अगर वह रूतूबत शहवत के साथ उछल कर निकली हो और उसके निकलने के बाद बदन सुस्त हो गया हो तो वह रूतूबत मनी (वीर्य) का हुक्म रखती है। लेकिन अगर इन तीन अलामात में से सारी की सारी या कुछ मौजूद न हों तो वह रूतूबत मनी के हुक्म में नहीं आयेगी । लेकिन अगर मुतअल्लिक़ा शख़्स बीमार हो तो फिर ज़रूरी नहीं की वह रूतूबत उछल कर निकली हो और उसके निकलने के वक़्त बदन सुस्त हो जाए बल्कि अगर सिर्फ़ शहवत के साथ निकले तो वह रूतूबत मनी के हुक्म में होगी।
हवाला : तौज़ीहुल मसाइल, मसला नंबर, 352