जवाब ( 1 )

  1.  अगर कोई शख़्स नमाज़ पढ़ने वाले को इस तरह ग़लत सलाम करे कि वह सलाम ही शुमार न हो तो उसके सलाम का जवाब देना जाइज़ नहीं है।

    हवाला :  तौज़ीहुल मसाइल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 1152

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