जवाब ( 1 )

  1. ग़ुस्ले जनाबत वाजिब नमाज़ पढ़ने के लिये और ऐसी दूसरी इबादत के लिये वाजिब हो जाता है लेकिन नमाज़े मैयित, सज्दा ए सहव, सज्दा ए शुक्र और क़ुरआने मजीद के वाजिब सज्दों के लिये ग़ुस्ले जनाबत ज़रूरी नहीं है।

     

    हवाला : तौज़ीहुल मसाइल, मसला नंबर, 363

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