जवाब ( 1 )

  1. जो शख़्स मस्जिद में न आता हो, मुस्तहब है कि इंसान उसके साथ मिलकर खाना न खाए, अपने कामों में उससे मश्विरा न करे, उसके पड़ोस में न रहे और न उससे औरत का रिश्ता ले और न उसे रिश्ता दे। (यानी उसका सोशल बाइकाट करे)
    आयतुल्लाह सीस्तानी, तौज़ीहुल मसाएल, मसला 906

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