हज़रत अली अ.स. के रौज़े मे नमाज़ पढ़ना अफज़ल है या मस्जिद मे ?

Question

Answers ( 2 )

  1. आइम्मा ए अहले बैत (अ0) के रौज़ो में नमाज़ पढ़ना मुस्तहब है बल्कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है और रिवायत है कि हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ0) के हरमे पाक में नमाज़ पढ़ना दो लाख नमाज़ों के बराबर है।

    आयतुल्लाह सीस्तानी, तौज़ीहुल मसाएल, मसला 904

  2. आइम्मा ए अहले बैत (अ0) के रौज़ो में नमाज़ पढ़ना मुस्तहब है बल्कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है और रिवायत है कि हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ0) के हरमे पाक में नमाज़ पढ़ना दो लाख नमाज़ों के बराबर है।

    आयतुल्लाह सीस्तानी, तौज़ीहुल मसाएल, मसला 904

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