क्या क़ुरआने मजीद की आयत लिखते वक़्त बा वुज़ू होना ज़रूरी है?
Question
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जवाब ( 1 )
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
तमाम मुज्तहेदीन की नज़र में नीचे बयान किये गए कामों के लिए वुज़ू वाजिब है.
ख़ाना ए काबा के वाजिब तवाफ़ के लिए.
भुला दिए गए सज्दे और तशह्हुद के लिए.
नमाज़े मय्यत के अलावा दूसरी वाजिब नमाज़ों के लिए.
क़ुरआने मजीद की आयात या अल्लाह और मासूमीन के नाम को छूने के लिए.
अगर वुज़ू करने के लिए नज़्र या अहद किया है या क़सम खाई हो.
लिहाज़ा क़ुरआने मजीद की आयात या अल्लाह और मासूमीन के नाम को छूने के लिए वुज़ू वाजिब है न कि लिखने के लिए.
तौज़ीहुल मसाएल मराजे, मसला 316
तौज़ीहुल मसाएल, आयतुल्लाह सीस्तानी, मसला 322
https://www.sistani.org/urdu/book/61/3630/
आयतुल्लाह ख़ामेनई ऑफिस, (अहकामे वुज़ू, ग़ुस्ल, तयम्मुम, सय्यद मुज्तबा हुसैनी, पुरसेमान)
http://hadana.ir/