जवाब ( 1 )

  1. बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

    यह दो रक्’अत है और हर रक्’अत में 5 रुकू और 2 सजदे हैं, शरीयत में इसके वाजिब होने के असबाब यह हैं:

    1.सूर्यग्रहण

    2.चंद्रग्रहण

    चाहे इनके मामूली से हिस्से को ही ग्रहण लगे

    3.ज़लज़ला और हर वह ग़ैर मामूली (असाधारण) घटना जिससे अक्सर लोग डर जाएँ जैसे लाल, काली या पीली आंधी,जो ग़ैर मामूली हों या बहुत ज़्यादा अँधेरा छा जाना, ज़मीन का धंसना, पहाड़ का टूट कर गिरना, बिजली की कड़क और गरज और वह आग जो कभी कभी आसमान में नज़र आती है.

    नोट: सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के अलावा बाक़ी सारी घटनाओं में शर्त है कि आम लोग उससे बहुत डर जाएँ इसलिए अगर इनमें से कोई घटना बहुत खौफ़नाक न हो या उससे बहुत कम लोग खौफ़ज़दा हों तो नमाज़े आयात वाजिब नहीं है.

    इस्तेफ़्ता’आत आयतुल्लाह ख़ामेनई, सवाल न. 711

    तौज़ीहुल मसाएल आयतुल्लाह सीस्तानी, मस,अला न. 1470

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