जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
तालीम की जगह जहाँ इंसान आरज़ी तौर पर रहता है वतन नहीं है. अलबत्ता अगर किसी का इरादा हो को वह कम से कम एक साल तालीम की जगह या आरज़ी जगह रहेगा जो कि उर्फ़ में मुसाफिर शुमार नहीं होता तो दस दिनों की इक़ामत का क़स्द किये बग़ैर उसकी नमाज़ पूरी होगी.
हवाला : https://www.sistani.org/urdu/book/26352/4315