जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
नमाज़ी को तीन मौक़े पर नमाज़ के सलाम के बाद दो सज्दा ए सह्व अंजाम देने चाहिए.
1. अगर नमाज़ के दौरान भूल कर बात कर ले.
2. चार रकअती नमाज़ में दूसरे सज्दे के बाद शक करे कि चार रकअत नमाज़ पढ़ी है या पांच रकअत.
3. तशह्हुद भूल जाए.
दो मौक़े पर एहतियात वाजिब की बिना पर दो सज्दा ए सह्व अंजाम दे
4. अगर एक सज्दा भूल जाए.
5. जहाँ सलाम नहीं पढ़ना हो और वहां भूल कर सलाम पढ़ ले.
हवाला : आयतुल्लाह ख़ामेनई, तौज़ीहुल मसाएल, मसला 328