जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
नमाज़ का वाजिब सलाम "अस सलामो अलैकुम" और "अस सलामो अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालेहीन" है
और बेहतर है कि "अस सलामो अलैकुम" के बाद व रहमतुल्लाहे व बरकातोह का भी इज़ाफ़ा करे.
इन दोनों सलामों से पहले "अस सलामो अलैका अय्योहन नबीयो व रहमतुल्लाहे व बरकतोह" कहना मुस्तहब है.
हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई, तौज़ीहुल मसाएल फ़ारसी, मसला 293