मीरास के न बांटने की वसीयत के बारे में शरई हुक्म क्या है ?

क्या शरई लेहाज़ से यह वसीयत की जा सकती है कि मौत के बाद बची हुई मीरास को उस वक़्त तक बांटा न जाए जब तक वारिसों में से एक तय शुदा वारिस ज़िंदा है (यानी मीरास का बंटवारा एक ख़ास वारिस की मौत तक रुका रहे)?

जवाब





बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

अगर सभी वारिस उसकी ज़िन्दगी में या मरने के बाद, वसीयत को क़ुबूल कर लें तो यह वसीयत लागू होगी, वरना सिर्फ़ एक तिहाई माल पर वसीयत लागू होगी।


हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई की वेबसाइट  www.khamenei.ir 

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