बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीमइस्तेख़ारे पर अमल करना शरई तौर पर वाजिब नहीं है. लेकिन बेहतर यह है कि इस्तेख़ारे के खिलाफ अमल न किया जाए.हवाला: https://www.leader.ir/ur/book/106