जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
ग़ुस्ले जिनाबत से पहले पूरे बदन का पाक होना वाजिब नहीं है बल्कि बदन के हर हिस्से का उसके ग़ुस्ल से पहले पाक होना ज़रूरी है. इस सूरत में ग़ुस्ल और उसके बाद पढ़ी गई सब नमाज़ें दोनों सही हैं. अगर नजिस हिस्से को उसके ग़ुस्ल से पहले पाक न किया जाए और एक ही ही बार धोने के ज़रिये यह हिस्सा पाक भी हो जाए और ग़ुस्ल भी अंजाम पा जाए तो ग़ुस्ल बातिल है और इस ग़ुस्ल से पढ़ी गई नमाज़ें भी बातिल हैं और उनकी क़ज़ा वाजिब है.
हवाला: www.leader.ir/ur/book/106/