जवाब :
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
"अल्लाह" लफ्ज़ को बिना वुज़ू के छूना जाएज़ नहीं है. चाहे यह लफ्ज़ किसी मुरक्कब (दो या कई शब्द से मिलकर बने) नाम का ही हिस्सा क्यों न हो.
हवाला: https://www.leader.ir/ur/book/106/
"अब्दुल्लाह" और "हबीबुल्लाह" जैसे नामों को बिना वुज़ू के छूने का क्या हुक्म है?
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
"अल्लाह" लफ्ज़ को बिना वुज़ू के छूना जाएज़ नहीं है. चाहे यह लफ्ज़ किसी मुरक्कब (दो या कई शब्द से मिलकर बने) नाम का ही हिस्सा क्यों न हो.
हवाला: https://www.leader.ir/ur/book/106/