क्या तक़लीद में शौहर या बाप की पैरवी ज़रूरी है?
जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
तक़लीद में इस तरह की पैरवी सही नहीं है बल्कि तक़लीद तमाम शर्तें पाए जाने वाले उस मुजतहिद की करना है जो आपकी नज़र में आलम हो (यानी उसकी फ़तवा देने की सलाहियत दूसरे मुजतहिदों से ज़्यादा बेहतर हो)