जवाबः
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
जो लड़कियां बालिग़ हो जाएं उन पर रोज़ा रखना वाजिब है, रोज़ा इसलिए छोड़ना कि बहुत सख़्त है, जिस्मानी कमज़ोरी आ जाएगी, या इस तरह के किसी और सबब से, जायज़ नहीं है मगर यह कि रोज़ा उनके लिए नुक़सानदेह हो या रोज़ा रखने में बहुत ज़्यादा तकलीफ़ होती हो।
हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई की वेबसाइट www.khamenei.ir