जवाब
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
यह चीज़ अपने आप में हराम नहीं है, लेकिन बेहतर यह है कि इंसान अज़ादारी में मशग़ूल रहे और अपने आपको सवाबे अज़ीम से महरूम न करे।
हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई की वेबसाइट www.khamenei.ir
मोहर्रम और आशूरा के दिन ख़रीदो फ़रोख़्त का क्या हुक्म है ?
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
यह चीज़ अपने आप में हराम नहीं है, लेकिन बेहतर यह है कि इंसान अज़ादारी में मशग़ूल रहे और अपने आपको सवाबे अज़ीम से महरूम न करे।
हवाला: आयतुल्लाह ख़ामेनई की वेबसाइट www.khamenei.ir